Wednesday 13 November 2019

ओबीसी आरक्षण के समर्थन में आज 13 नवंबर को छत्‍तीसगढ प्रदेश महाबंद




ओबीसी आरक्षण के खिलाप है भाजपा एंव उनके समर्थक

रायपुर,13 नवंबर । छत्‍तीसगढ़ में मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा ओबीसी आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने के फैसले के खिलाफ बिलासपुर हाईकोर्ट में 40 याचिका लगाकर रोक लगा दी। सामाजिक न्‍याय के खिलाफ जारी आरक्षण व संविधान विरोधी मानसिकता और आरएसएस के षड़यंत्र के विरोध में ओबीसी वर्ग ने 13 नवंबर 2019 को छत्‍तीसगढ प्रदेश महाबंद का अहवान किया है। 
भारतीय संविधान के अनुच्‍छेद 340 में ओबीसी को उनके जनसंख्‍या के अनुपात में प्रतिनिधित्‍व देने का प्रावधान है। मंडल कमीशन को लागू करने से लेकर पिछडों के संवैधानिक अधिकाकारों का विरोध कथित तौर पर सवर्ण मानसिकता के लोगों द्वारा किया जा रहा है। जबकि छत्‍तीसगढ में मात्र 3 प्रतिशत जनसंख्‍या होने के बाद भी राज्‍य सरकार ने 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया है जिसका पिछड़े वर्ग ने कहीं विरोध नहीं किया। सभी को अवसर देने की समानता पर आधारित आरक्षण के भागीदारी वाले थीम को हमेशा संविधान विरोधी लोगों ने भाईचारे के बदले नफरत व घृणा का माहौल तैयार किया है। छत्‍तीसगढ़ ओबीसी महासभा के अध्‍यक्ष सगुनलाल वर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति व अल्पसंख्यक महासंघ के द्वारा 13 नवंबर दिन बुधवार को पिछड़ा वर्ग के 27% आरक्षण के समर्थन में छत्तीसगढ़ महाबंद के आह्वान पर छत्तीसगढ़ साहू समाज के प्रदेश के अध्यक्ष अर्जुन हिरवानी, अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ व प्रगतिशील सतनामी  समाज के अध्‍यक्ष एलएल कोशले, आदिवासी समाज के संरक्षक पूर्व आईएएस नवलसिंह मंडावी,  ओबीसी महासंघ के प्रदेश संयोजक कांति साहू, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ हमित उल्ला खान, बंटी (शातनु) साहू  संयोजक पिछड़ा वर्ग ने संयुक्‍त रुप से प्रेसरिलीज जारी कर आंदोलन को समर्थन दिया है। श्री वर्मा ने कहा कि ओबीसी महाबंद में प्रदेश के 19 संगठनों समर्थन दिया है। भाजपा के समर्थित एक मात्र संगठन ने अपना समर्थन आपस में लेकर समाज विरोधी होने की मानसिकता को उजागर किया है। उन्‍होंने बताया कि प्रदेश के 27 जिलों में बंद को सफल बनाने के लिए जिला संयोजकों तैयारियां पूरी कर ली गई है। आंदोलन को सभी सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक, युवा व छात्र संगठनों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। बंद को सफल बनाने के लिए राजधानी के कलेक्‍टर चौक स्थित बाबा साहब डॉं. अंबेडकर के प्रतिमा स्‍थल पर सुबह 9 बजे से ही विरोध्‍ प्रदर्शन शुरु कर दिया जाएगा। छात्रों एवं युवाओं की टीम बंद के समर्थन में सुबह से ही व्‍यापारियों से बंद को सफल बनाने के लिए दुकाने बंद करने का सहयोग लेने सड़कों पर घुमेंगे। छत्‍तीसगढ़ ओबीसी महासभा के अध्‍यक्ष सगुनलाल वर्मा ने कहा कि महाबंद को शांतिपूर्ण ढंग से सफल बनाने के लिए शासन व प्रशासन स्‍तर से भी सहयोग मांगा गया है। ताकि छत्‍तीसगढ से पूरे देश में यह संदेश जाए कि सामाजिक न्‍याय के आंदोलन में ओबीसी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर  एससी , एसटी और अल्‍पसंख्‍य समाज भी एकजुट होकर भाईचारे का संदेश दे रहा है।
राष्‍ट्रीय मतदाता जागृति मंच के अध्‍यक्ष नंदकुमार बघेल ने कहा कि 13 नवंबर के बंद से आरएसएस के भाजपा और उसके समर्थक लोग बंद को विफल करने में लगे हुए हैं। उन्‍होंने कहा कि देश में यदि सोम का गठन हो जाये तो जिसके द्वारा एसटी, एससी, ओबीसी और अल्‍पसंख्‍यक मिलकर के सरकार बनायेंगे । तब भारत में  बाबा साहब डॉ. अंबेडकर में सिद्धांत को पुर्नजिवीत किया जा सकता है जिसका भय भाजपा को सताने लगी है। भाजपा चाहता है कि देश में मेहनतकश पिछड़े वर्ग का समाज जिनकी आबादी 52 प्रतिशत है जातियों में बंटे रहें। और पिछड़ा वर्ग मंदिर और हिंदुत्‍व के नाम पर भाजपा का वोट बैंक बनाकर भाजपा देश में शासन व सत्‍ता में काबिज रहे।

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