देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश में अगले सत्र से सरकारी और निजी स्कूलों में लागू की जा रही एनसीईआरटी की किताबों की नकल या डुप्लीकेट बाजार में बिकती पाईं गईं तो सरकार कड़े कदम उठाएंगी। ऐसी किताबों को बेचने वाली दुकानों को सीज किया जाएगा, साथ में किताब विक्रेता और संबंधित क्षेत्र के शिक्षाधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। एनसीईआरटी की किताबें 15 फरवरी तक बाजार में उपलब्ध होंगी। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने को फीस एक्ट सत्र 2019-20 तक लागू हो जाएगा। इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है।
उत्तरांचल प्रेस क्लब में सोमवार को प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में शिक्षा, खेल व युवा कल्याण, पंचायतीराज व संस्कृत मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि एनसीईआरटी की मुफ्त किताबें नया सत्र शुरू होने के साथ ही सरकारी विद्यालयों तक पहुंचाई जाएंगी। एनसीईआरटी की किताबों की छपाई के टेंडर हो चुके हैं। एनसीईआरटी की किताबों के स्थान पर उनकी नकल या फर्जी किताबें बिकती पाईं गईं तो इस मामले में दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।उन्होंने कहा कि उत्तराखंड बोर्ड से मान्यताप्राप्त और सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध निजी स्कूलों में अगले साल से एनसीईआरटी की किताबें लागू होंगी। आइसीएसई बोर्ड से संबद्ध स्कूलों को भी भविष्य में इस दायरे में लाने पर विचार होगा। राज्य सरकार की ओर से लागू स्थानांतरण एक्ट को नए सत्र से प्रभावी तरीके से लागू करने के निर्देश शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिए गए हैं। जरूरी हुआ तो शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत तबादलों की व्यवस्था में संशोधन पर विचार किय जाएगा।
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