Saturday 20 January 2018

कभी अपनों ने घेरा तो कभी परायों ने छेड़ा, 'आप' का विवादों से है पुराना नाता

नई दिल्ली [जेएनएन]। 2015 में विधानसभा की 70 में से 67 सीटें जीतकर दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई आम आदमी पाटी (आप) का विवादों के साथ पुराना नाता रहा है। शायद ही कोई ऐसा मौका रहा हो जब 'आप' विवाद के बीच खड़ी न दिखाई दी हो। मुश्किलें लगातार बढ़ती रहीं और पार्टी के साथ सीएम केजरीवाल को भी एक साथ कई मोर्चों पर जूझना पड़ा।
एक वक्त था जब आम आदमी पार्टी को दिल्ली में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद माना जा रहा था कि पार्टी देशभर में तेजी से बढ़ेगी, लेकिन चंद दिनों बाद संस्थापक सदस्य योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के साथ सीएम केजरीवाल के झगड़े के कारण पार्टी निरंतर विवादों में घिरती गई। यहीं से आप में शुरू हुए विवाद कभी थमे ही नहीं। कमोबेश हालात अब भी ऐसे ही बने हुए हैं जहां पार्टी को बाहर और भीतर दोनों ही मोर्चों पर टकराव का सामना करना पड़ रहा है। सरकार के स्तर पर भी नई मुश्किलें परेशानी का सबब बनी हुई हैं। 

'आप' सरकार के कई ऐसे विवाद रहे हैं जिसने पार्टी की नींव को हिलाकर रख दिया, कभी अपने दूर हो गए तो कभी परायों को अपनों से अधिक महत्व दिया गया। सियासी समीकरण बदलते रहे और पार्टी में अदरूनी कलह कई मौकों पर सतह पर आ गई। आइए जानते है 'आप' सरकार से जुड़े मुख्य विवाद कौन-कौन से थे। 
कपिल मिश्रा ने किया हैरान  
विवाद की बात हो सबसे पहले 'आप' के विधायक कपिल मिश्रा का नाम सामने आता है। कई मौकों पर कपिल ने केजरीवाल और दिल्‍ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। यह सिलसिला उस वक्त शुरू हुआ जब कपिल ने बड़ा खुलासा करते हुए आरोप लगाया कि 10 हजार गाड़ियों में नकली CNG किट लगी है। ऐसी गाड़ियों में कभी भी दुर्घटना हो सकती है। साथ ही कपिल मिश्रा ने कहा कि चीन के माल को कनाडा का माल बता कर बेचा जा रहा है।

कपिल ने लोकायुक्त को सौपें 16 हजार पन्नों के सबूत
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के निलंबित विधायक कपिल मिश्रा ने आप नेता सत्येंद्र जैन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ऊपर लगाए गए भ्रष्टाचार के सबूत लोकायुक्त को सौंपे। बता दें कि मंत्री पद से हटाए जाने के बाद से ही मिश्रा ने केजरीवाल और सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे और उसकी शिकायत लोकायुक्त दफ्तर में की थी और मई के आखिरी हफ्ते में बकायदा लोकायुक्त में बयान भी दर्ज करवाए थे। मिश्रा के मुताबिक उन्होंने 16 हज़ार पन्नों का सबूत तैयार किया, जिसमें सत्येंद्र जैन और केजरीवाल के भ्रष्टाचार से जुड़े कई कागजात हैं।
PWD ने AAP दफ्तर पर लगाया 27 लाख का जुर्माना
आम आदमी पार्टी के ऑफिस पर 27 लाख 73 हजार का जुर्माना लगाया गया था। यह जुर्माना दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग ने ही पार्टी ऑफिस न खाली करने की वजह से लगाया। दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अप्रैल 2017 में आम आदमी पार्टी के ऑफिस का आवंटन बतौर पार्टी ऑफिस रद कर दिया था और ऑफिस को जल्द खाली करने का निर्देश दिया था।
मनीष सिसोदिया के घर पहुंची CBI
केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के अलावा दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर सीबीआइ पूछताछ करने पहुंची। कहा गया कि CBI 'टॉक टू एके' मामले को लेकर पूछताछ कर रही है। वहीं CBI के पहुंचने के बाद 'आप' नेताओं ने इसे छापेमारी बताया। इस मामले में दिल्ली सरकार के विजिलेंस डिपार्टमेंट ने LG को शिकायत की थी कि बिना किसी टेंडर प्रक्रिया किए दिल्ली सरकार ने 'टॉक टू एके' प्रोगाम का प्रमोशन एक विशेष कंपनी को दिया था। जिसके बाद LG द्वारा मामला सीबीआइ को सौंप दिया गया था।
ऑड-ईवन फॉर्मूला
दिल्ली में जहरीली हुई हवा और हाई कोर्ट की 'गैस चैंबर बनी राजधानी' वाली टिप्पणी कौन भूल सकता है। मसला सीधा जनता से जुड़ा था लेकिन विवाद ने यहां भी पीछा नहीं छोड़ा। बैठकों का दौर चला एक दूसरे पर आरोप मढ़े गए। इस बीच सरकार ने दिल्ली में ऑड-ईवन योजना लागू करने मन बनाया लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा। दरअसल 'आप' सरकार का मत था कि ऑड-ईवन से वीआईपी, महिलाओं और बाइक को अलग रखा जाए लेकिन एनजीटी इससे सहमत नहीं थी। अंत में हुआ ये कि प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद भी ऑड-ईवन लागू नहीं किया गया।

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