बालाघाट,15 मार्चःः मध्यप्रदेश के खनन मंत्री के जिले के पठार अंचल में रेत के अवैध खनन एवं परिवहन का काला कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र की जीवनदायिनी बावनथड़ी नदी पर माफियाओं ने डेरा जमा रखा है। सरकार ने हाल ही में जिले के खनिज विभाग से लेकर स्थानीय राजस्व विभाग के अधिकारियों के तबादले कर दिए है। इसका असर रेतघाटों पर साफ दिखाई पड़ रहा है। अधिकारियों की गैर मौजूदगी में रेत कारोबारी बावनथड़ी नदी के अलग-अलग हिस्सों से रेत की चोरी कर शासन को करोड़ों का चूना लगा रहे है। इधर, खनिज एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों के रहते हुए भी यह क्षेत्र रेत चोरी को लेकर काफी चर्चित रहा है। लेकिन एकाएक अधिकारियों के तबादले कर दिए जाने के बाद से रेत का गोरखधंधा चरमसीमा पर पहुंच गया है। माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि दिन-दहाड़े उन रेतघाटों से रेत की निकासी कराई जा रही जिसकी प्रशासनिक स्तर पर कोई स्वीकृति नहीं दी गई है।
बावनथड़ी नदी के हरदोली रेतघाट से एक कंपनी बालाघाट द्वारा रेत का अवैध खनन एवं परिवहन किया जा रहा है। कंपनी को खनिज विभाग ने हरदोली में रेत डंप करने की स्वीकृति दी है। इसके अलावा रेत खनन के लिए भी खैरलांजी के किसी घाट को चिन्हित किया गया है। लेकिन कंपनी बावनथड़ी नदी के हरदोली रेतघाट से रेत निकासी करवा रही है। एक दिन में लगभग 250 ट्रैक्टर टाली रेत की निकासी कराई जा रही है। बताया जाता है कि कंपनी ने रेत परिवहन के लिए 40 ग्रामीण ट्रैक्टर संचालकों को काम सौंप दिया है। प्रत्येक ट्रैक्टर रेतघाट से एक दिन में 6 ट्राली रेत की निकासी कर हरदोली में पुलिया के पास भंडारण कर रहा है। इसके अतिरिक्त डंपर वाहनों से अलग रेत का परिवहन किया जा रहा है। शासन ने बावनथड़ी नदी पर किसी भी रेतघाट को स्वीकृति प्रदान नहीं की है फिर भी रेत माफिया नियमों को धता-बताकर भारी मात्रा में रेत का अवैध खनन एवं परिवहन कर रहे है।